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अंडरपास में खाटू श्याम की पूजा से मचा बवाल, ग्रामीणों में बढ़ा तनाव, पुलिस सतर्क

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अंडरपास में खाटू श्याम की पूजा से मचा बवाल, ग्रामीणों में बढ़ा तनाव, पुलिस सतर्क

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सौरिख :  आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के ग्राम सलेमपुर के पास बने अंडरपास में इन दिनों धार्मिक विवाद ने माहौल को गरमा दिया है। बीते दिनों हुए भारी बारिश और जलभराव के बीच गांव के कुछ लोगों ने अंडरपास की दीवार पर खाटू श्याम की प्रतिमा स्थापित कर दी। पूजा-अर्चना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही आसपास के गांवों और जिलों से लोग यहां दर्शन के लिए उमड़ने लगे।

जहां एक ओर भक्तजन इसे चमत्कार मानकर पूजा-पाठ में जुट गए, वहीं दूसरी ओर कुछ ग्रामीणों ने इसे अफवाह करार देते हुए इसका कड़ा विरोध शुरू कर दिया। विरोध के चलते दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और विवाद इतना बढ़ा कि मारपीट और हाथापाई तक की नौबत आ गई। फिलहाल पुलिस प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया है और गांव में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।


कैसे शुरू हुआ विवाद?

करीब दस दिन पहले सलेमपुर गांव के कुछ युवाओं ने जलभराव से भरे अंडरपास की दीवार पर खाटू श्याम की तस्वीर और झंडा लगाकर पूजा शुरू की। उनका दावा था कि यह स्थान चमत्कारिक है और यहां पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होंगी।
लोगों ने मोबाइल से वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर साझा किया। जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, श्रद्धालु बड़ी संख्या में अंडरपास की ओर उमड़ पड़े। पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन, प्रसाद वितरण और यहां तक कि धार्मिक सामान बेचने वाली अस्थायी दुकानें तक सज गईं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से प्रतिदिन यहां काफी भीड़ उमड़ रही है। आसपास के जिलों के लोग भी खाटू श्याम के जयकारे लगाते हुए यहां पहुंच रहे हैं।


विरोध और तनाव

इसी बीच कुछ ग्रामीणों ने दावा किया कि पूरी घटना अफवाह है और धार्मिक आस्था के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने पूजा-पाठ का विरोध करना शुरू किया।
जैसे ही विरोध तेज हुआ, दोनों पक्षों के बीच कहासुनी बढ़ी और देखते-देखते मारपीट तक की स्थिति बन गई। बताया जाता है कि कुछ लोगों ने तो वीडियो बनाने वाले युवाओं से मोबाइल छीनने की भी कोशिश की।

गांव के कई लोगों का मानना है कि अंडरपास जैसे स्थान पर धार्मिक स्थल बनाना उचित नहीं है। उनका तर्क है कि यह सार्वजनिक संपत्ति है, जिसका इस्तेमाल यातायात के लिए होता है, न कि धार्मिक गतिविधियों के लिए।

दूसरी ओर, समर्थक पक्ष का कहना है कि प्रतिमा स्थापित हो चुकी है और यह आस्था का विषय है। ऐसे में पूजा का विरोध करना धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है। इसी तर्क-वितर्क ने गांव में तनाव की स्थिति पैदा कर दी।


सोशल मीडिया पर माहौल गरमाया

इस पूरे घटनाक्रम को और हवा सोशल मीडिया ने दी। लगातार पूजा और भीड़ के वीडियो इंटरनेट पर साझा किए जा रहे हैं। इससे दूर-दराज के लोग भी यहां खिंचे चले आ रहे हैं।
कई लोग इसे धार्मिक स्थल के रूप में प्रचारित कर रहे हैं, तो वहीं विरोधी पक्ष सोशल मीडिया पर ही इसे अंधविश्वास बता रहा है।

गांव में युवाओं और बच्चों तक के बीच इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना दिया है।


प्रशासन की सख्ती

स्थिति बिगड़ती देख ग्रामीणों ने पुलिस से हस्तक्षेप की मांग की। जानकारी मिलते ही थाना क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक जयंती प्रसाद गंगवार ने पुलिस बल के साथ गांव पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
उन्होंने साफ कहा कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस गांव में गश्त कर रही है और माहौल पर नज़र रखे हुए है।

प्रभारी निरीक्षक ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि अंधविश्वास और झूठी अफवाह फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम देने की कोशिश करने वाले व्यक्तियों पर तुरंत कानूनी कार्रवाई होगी।


ग्रामीणों की राय बंटी

गांव में इस पूरे मामले को लेकर लोगों की राय दो हिस्सों में बंटी हुई है।

  • पहला पक्ष मानता है कि यह धार्मिक आस्था का विषय है और खाटू श्याम की प्रतिमा को वहां से हटाना सही नहीं होगा। उनका कहना है कि पूजा से गांव में धार्मिक माहौल बना है और लोग यहां शांति व श्रद्धा के साथ आ रहे हैं।

  • दूसरा पक्ष का मानना है कि सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह पूजा-पाठ की परंपरा शुरू करना गलत है। इससे आने वाले दिनों में और विवाद खड़े हो सकते हैं और ट्रैफिक व्यवस्था भी प्रभावित होगी।


बढ़ती भीड़ से प्रशासन चिंतित

भले ही मामला धार्मिक आस्था और अफवाह के बीच झूल रहा हो, लेकिन प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती लगातार बढ़ रही भीड़ है। अंडरपास में जलभराव होने से सुरक्षा की भी चिंता बढ़ गई है।
कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए, इसके लिए पुलिस बल की मौजूदगी आवश्यक हो गई है।


निष्कर्ष

सलेमपुर गांव का यह अंडरपास फिलहाल धार्मिक आस्था और विरोध का केंद्र बना हुआ है। जहां एक ओर श्रद्धालु इसे खाटू श्याम का आशीर्वाद मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोग इसे अफवाह बताकर विरोध कर रहे हैं।
हालात बिगड़ते देख पुलिस सक्रिय हो गई है और प्रशासन लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए है।

गांव के लोग भी अब चाहते हैं कि किसी भी तरह का विवाद न बढ़े और शांति कायम रहे। हालांकि, यह साफ है कि जब तक प्रशासनिक स्तर पर स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक अंडरपास की यह घटना चर्चा और तनाव का कारण बनी रहेगी।



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